सुरजेवाला ने कहा, भगवान राम के मंदिर का निर्माण उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार किया जा रहा है। क्या यह ट्रस्ट बनाने वाले उच्चतम न्यायालय, उसके न्यायाधीशों और प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी नहीं है कि वे सच का पता लगाएं और इसकी जांच कराएं।
उन्होंने कहा, यह न केवल नैतिकता नहीं बल्कि संवैधानिकता का भी सवाल है। कांग्रेस नेता ने कहा कि गेंद प्रधानमंत्री के पाले में है। देखते हैं कि वह क्या निर्णय लेते हैं। उन्होंने कहा कि जनता भगवान राम के नाम पर चंदा लूटने वालों को माफ नहीं करेगी।
इससे पहले, कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इस साल 18 मार्च को पंजीकृत भूमि दस्तावेजों के अनुसार 2 करोड़ रुपए में खरीदी गई जमीन ट्रस्ट को 'मिनटों के भीतर' 18.5 करोड़ रुपए में बेच दी गई। पार्टी ने उच्चतम न्यायालय की निगरानी में 'घोटाले' की जांच की मांग की थी।(भाषा)