'भारत जोड़ो' के बाद अब 'पूरब से पश्चिम तक की यात्रा' का प्लान बना रही कांग्रेस, जानें कहां से होगी शुरुआत

रविवार, 26 फ़रवरी 2023 (17:43 IST)
नवा रायपुर। Bharat Jodo Yatra : कांग्रेस 'भारत जोड़ो यात्रा' के बाद अब देश के पूर्वी हिस्से से पश्चिमी भाग के बीच यात्रा निकालने पर विचार रही है। संभव है कि यह यात्रा अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से गुजरात के पोरबन्दर के बीच निकाली जाए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह जानकारी दी। इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के महाधिवेशन में दिए गए अपने संबोधन के दौरान यात्रा के बारे में संकेत दिए।
 
राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 'तपस्या' को आगे बढ़ाने का कार्यक्रम तैयार करें, जिसमें सभी भाग लेने के लिए तैयार हैं। राहुल कई मौकों पर अपनी इस यात्रा को तपस्या का नाम दे चुके हैं।
 
महाधिवेशन के समापन के बाद रमेश ने कहा कि संभावना है कि यह यात्रा पासीघाट से शुरू हो और इसका समापन पोरबन्दर में हो। इसको लेकर बहुत सारा उत्साह और ऊर्जा है। व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है कि इसकी जरूरत भी है। 
 
उन्होंने कहा कि पूरब से पश्चिम के बीच निकलने वाली यात्रा का प्रारूप दक्षिण से उत्तर की ओर निकाली गई यात्रा से अलग होता है। शायद यह यात्रा उतने व्यापक स्तर पर नहीं हो। कांग्रेस महासचिव ने बताया कि अगले कुछ हफ्ते में सबकुछ तय कर लिया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की भौगोलिक और जलवायु संबंधी परिस्थिति को देखते हुए यात्रा के लिए अलग-अलग परिवहन माध्यम (मल्टी मोडल) इस्तेमाल हो सकता है, लेकिन बुनियादी रूप से यह पदयात्रा ही होगी।
 
रमेश ने कहा कि इस यात्रा में भाग लेने वाले यात्रियों की संख्या "भारत जोड़ो यात्रा " के मुकाबले कम हो सकती है।
 
'भारत जोड़ो यात्रा' पिछले साल सात सितंबर से आरंभ हुई थी और करीब 4000 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 30 जनवरी को श्रीनगर में पूरी हुई थी। इसमें राहुल गांधी समेत करीब 200 "भारत यात्री" शामिल हुए थे।
 
कांग्रेस ने लिए 5 संकल्प : कांग्रेस ने भाजपा और आरएसएस की विभाजनकारी ताकतों को परास्त करने के लिए भारत जोड़ो यात्रा की रफ़्तार को आगे बढ़ाने और मोदी की मित्रवादी पूंजीवाद के खिलाफ जनजागृति अभियान चलाने का संकल्प लिया है।
 
पार्टी ने रायपुर की हुंकार के नाम से जारी संकल्प में कहा कि भारत जोड़ो यात्रा ने भारत की एक समावेशी और प्रगतिशील दृष्टि को आगे बढ़ाया है, जहां संवैधानिक मूल्य सर्वोच्च हैं। 
 
विविधता में एकता, समानता और भाईचारे का संदेश देकर इसने भाजपा की विचारधारा का एक स्पष्ट विकल्प प्रस्तुत किया है। कुछ ही महीनों में हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के महत्वपूर्ण और ज़मीन से जुड़े संगठन, सेवा दल की शताब्दी मनाने जा रहे हैं। यह हमारे जनसंपर्क कार्यक्रमों में नई ऊर्जा फुंकने का अवसर होगा।
 
पार्टी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने कभी भी भाजपा/आरएसएस और उनकी नफ़रत भरी राजनीति से समझौता नहीं किया है। हम हमेशा भाजपा की तानाशाही, साम्प्रदायिक राजनीति और उसके पक्षपात पूर्ण पूंजीवादी आक्रमण के ख़िलाफ़ अपने राजनीतिक मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे। 
 
हम समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ मिलकर एक साझा, रचनात्मक कार्यक्रम के माध्यम से अपने संविधान को बचाने तथा देश की तीन मुख्य चुनौतियों - बढ़ती आर्थिक असमानता, बढ़ता सामाजिक ध्रुवीकरण और गंभीर होती जा रही राजनीतिक तानाशाही का दृढ़ता से सामना करते रहेंगे।
 
पार्टी ने कहा कि इस वर्ष कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिज़ोरम, राजस्थान और तेलंगाना में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव होंगे। हमारी जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को अनुशासन, एकजुटता और पूरी एकता के साथ काम करना चाहिए। इन चुनावों के नतीजे 2024 के सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा चुनाव की दिशा तय करेंगे।
 
पार्टी ने कहा कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की हमारी सरकारें देश के बाकी हिस्सों के लिए उदाहरण हैं। यदि हम सिर्फ दो ही उदाहरण लें, तो राजस्थान की मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और छत्तीसगढ़ की राजीव गांधी किसान न्याय योजना अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय मॉडल हैं। 
 
हिमाचल की हमारी नवनिर्वाचित सरकार तत्परता से किए हुए वादों को पूरा करने के लिए जुट गई है। पार्टी ने कहा कि 2004 से 2014 के दशक में, कांग्रेस के नेतृत्व में देश ने अब तक का सर्वाधिक जीडीपी ग्रोथ रेट हासिल किया। करोड़ों भारतीयों को ग़रीबी से बाहर निकाला गया। 
 
वन अधिकार अधिनियम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं मनरेगा जैसे कई परिवर्तनकारी तथा अधिकार आधारित कानून बनाए गए। अब एक बार फिर से अर्थव्यवस्था को गति देने और देश के उत्पादकों को सशक्त करने का उचित समय है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, जो पिछले साढ़े आठ वर्षों में बर्बाद हो गए हैं, उन्हें पुनर्जीवित किया जाना चाहिए और युवाओं के लिए क्लस्टर-आधारित कौशल विकास कार्यक्रमों तथा श्रम प्रधान मैन्युफैक्चरिंग के लिए अलग से फंडिंग की व्यवस्था एवं तकनीकी सहायता देकर, उन्हें तेज़ी से विकास और रोज़गार का इंजन बनाया जाना चाहिए।
 
पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में कहा कि भारत एक शक्तिशाली कांग्रेस चाहता है और ये उम्मीद करता है कि हम लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप खरा उतरें। भाजपा और आरएसएस की विभाजनकारी ताकतों को परास्त करने के लिए कांग्रेस पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं को भारत जोड़ो यात्रा की रफ़्तार को आगे बढ़ाना चाहिए। 
 
मित्रवादी पूंजीवाद, जिसकी मिसाल आज देश और दुनिया देख रही है उसके खिलाफ जनजागृति अभियान चलाया जाएगा। हम एक मज़बूत और एकजुट भारत के निर्माण के लिए एक नए संकल्प और साझा उद्देश्य के साथ रायपुर महाधिवेशन का संदेश भारत के जन-जन तक पहुंचाएंगे। भाषा Edited By : Sudhir Sharma

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी