मोदी सरकार-2 के पहले 100 दिन, कांग्रेस का बड़ा आरोप
रविवार, 8 सितम्बर 2019 (17:47 IST)
नई दिल्ली। मोदी सरकार के 100 दिन होने पर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले 100 दिन में हकीकत को नजर अंदाज किया है और घमंड तथा भेदभाव की राजनीति करते हुए सिर्फ बदले की भावना से काम किया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने रविवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी को सरकार चलाना नहीं आता है। पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद वह देश की जनता के हित में कोई ठोस काम नहीं कर पा रही है। सिर्फ बदले की भावना से काम हो रहा है और घमंड तथा भेदभाव की राजनीति की जा रही है।
उन्होंने कहा कि उम्मीद यह थी कि पूर्ण बहुमत वाली सरकार 100 दिनों में ठोस कदम उठाने का काम करेगी जिससे आम आदमी की जिंदगी में उसे राहत मिल सके लेकिन सरकार ने इसके ठीक उलट काम किया है।
आम आदमी की मुश्किलें बढ़ीं : उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण देश के आम आदमी की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं लेकिन गोदी मीडिया और गोदी में बैठकर सरकार की कमियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है। महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं और छोटे कारोबारी तथा व्यापारी सरकार की नीति से त्रस्त हैं लेकिन उनको राहत नहीं दी जा रही है।
सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग : सिब्बल ने तंज कसते हुए कहा कि इस सरकार की पहले सौ दिन की बडी उपलब्धि यह है कि उसने राजनीतिक विरोधियों के साथ बदले की भावना से काम किया है। प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग तथा केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसे संगठनों का जमकर दुरुपयोग हुआ है। सरकार ने सबूत होने के बावजूद अपने लोगों को बचाया है और जहां साक्ष्य नहीं थे उन विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है।
पोखरियाल, येदियुरप्पा को बचाया : उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जिन रमेश पोखरियाल निशंक पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और उनके खिलाफ सबूत भी हैं उन्हें सजा देने की बजाय किस आधार पर मंत्री बनाया गया और उन्हें सरकार क्यों बचा रही है? बाबुल सुप्रियो के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की जा रही है?
येदियुरप्पा के खिलाफ सबूत हैं लेकिन उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाती है। विपक्ष के नेताओं के खिलाफ बिना सबूत के कार्रवाई हो रही है।
प्रवर समिति के पास नहीं भेजे बिल : सिब्बल ने आरोप लगाया कि प्रचंड बहुमत के साथ लोकसभा पहुंची मोदी सरकार ने पहले सौ दिन में घमंड की राजनीति की है। उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में सरकार ने 39 विधेयक पारित कराए हैं लेकिन किसी विधेयक को प्रवर समिति के पास नहीं भेजा गया। इसी तरह से अनुच्छेद 370 को हटाने का विधेयक संसद में लाकर उस पर बहस शुरू कर दी गई। तीन तलाक विधेयक भी प्रवर समिति के पास नहीं भेजा गया।
उन्होंने कहा कि जो समस्या है और जिससे लोग पीड़ित हैं इस सरकार को वह कुछ नहीं दिखती है। सरकार का दावा है कि जम्मू कश्मीर में कोई समस्या ही नहीं है जबकि वहां एक हजार होटल खाली पड़े हैं, निर्माण कार्य नहीं हो रहा है,अस्पतालों में दवा की कमी है। राज्य में बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं लेकिन सरकार के सुरक्षा सलाहकार कहते हैं कि वहां 92 प्रतिशत स्थिति सामान्य है।
आंख मूंदकर बैठी है सरकार : कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार हर हकीकत से आंख मूंद रही है और कहती है कि सब कुछ ठीक है जबकि देश में कानून व्यवस्था खराब है। आर्थिक मंदी है लेकिन सरकार कह रही है कि कुछ नहीं है। इसका अर्थ है कि जो सबको दिखता है वह इस सरकार को नहीं दिखता है। सरकार यह नहीं बता रही है कि सकल घरेलू उत्पाद-जीडीपी की विकास दर पांच प्रतिशत क्यों है।
उन्होंने कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि आटो उद्योग में साढे तीन लाख लोगों की नौकरी किस वजह से गई है। ऑटो डीलर के 300 शो रूम बंद हो गए हैं। ऑटो पार्टर्स की दुकानें बंद हो रही है। मारुति ने चार प्लांट बंद कर दिए। निशान, महिंद्रा एंड महिंद्रा सहित कई कंपनियों ने अपने कईं कर्मचारी हटा दिए हैं। रुपया सबसे कमजोर स्थिति में है। देश असाधारण मंदी से गुजर रहा है और इन सबकी वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नोटबंदी का फैसला है जिसे वह आज भी स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
सरकार के ‘विकास रहित 100 दिन’ : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहले 100 दिन के कार्यकाल को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि पूर्ण बहुमत वाली सरकार विकास की ठोस नीति बनाने में असफल रही है और उसने अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है।
राहुल ने तीखा तंज कसते हुए मोदी सरकार पर हमला किया और कहा कि उसके पहले सौ दिन विकास रहित साबित हुए हैं इसलिए उसे बधाई। प्रियंका ने शायरी के अंदाज में सरकार के कामकाज पर तल्ख टिप्पणी की और कहा कि झूठ प्रचार कर सरकार वाह-वाही लूटने की कोशिश कर रही है।