एआईसीसी ने अपनी वेबसाइट पर एक टिप्पणी में कहा कि मोदी सरकार के दो साल : विचारों का अभाव, विश्वसनीयता की कमी। इसमें आरोप लगाया गया है कि मोदी सरकार के नीतिगत फैसले भारत के गरीबों, किसानों, श्रमिकों के हितों के खिलाफ तथा कुछ बड़े उद्योग घरानों के पक्ष में झुके हैं।
इसमें सूखा पर केंद्रीय मंत्री उमा भारती की एक टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा गया है कि भारतीय रेल ने महाराष्ट्र में पानी की ट्रेन भेजने के बदले दो करोड़ रुपए का बिल राज्य सरकार को भेज दिया। इसमें दावा किया गया है कि ये दोनों घटनाएं स्पष्ट संकेत हैं कि मोदी प्रशासन के लिए किसानों का महत्व नहीं है। (भाषा)