पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यह दावा भी किया कि यह सरकार विश्वविद्यालयों में शोध एवं नवोन्मेष पर पर्याप्त धन खर्च नहीं कर रही है, जबकि देश के विकास एवं उसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह जरूरी है।
पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री सिब्बल ने कहा कि भारत में शोध एवं विकास पर जीडीपी का 0.7 फीसदी खर्च होता है। इसराइल में चार फीसदी, जर्मनी में तीन फीसदी और कई अन्य देश भी अच्छा खासा खर्च करते हैं। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में चीन और अन्य देशों से आयात तथा निवेश का हवाला देते हुए कहा कि सिर्फ बातें करने से देश आत्मनिर्भर नहीं बनता है।
सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री और सरकार को आगे की आर्थिक नीति के बारे में बताना चाहिए और यह स्पष्ट करना चाहिए कि आत्मनिर्भरता के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्विद्यालयों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े लोगों एवं उनसे सहमति रखने वालों की नियुक्तियां की जा रही हैं। (भाषा)