उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने अपने तौर तरीकों में काफी बदलाव किया है। पहले वे विदेशी दौरों में बुद्धिजीवियों से बात करते थे, लेकिन अब उन्होंने नई रणनीति के तहत आम भारतीयों से मिलना शुरू कर दिया है। मोदी भी यही करते रहे हैं। राहुल का इस साल यह छठा विदेशी दौरा है।