बैठक में कांग्रेस के साथ टीएमसी, एनसीपी, डीएमके, शिवसेना, जेएमएम, सीपीआई, सीपीएम, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आरजेटी, आईयूडीएफ, वीसीके, लोकतांत्रिक जनता दल, जेडीएस, आरएलडी, आरएलडी, आरएसपी, केरल कांग्रेस मनी, पीडीपी, आईयूएमएल शामिल हुई है।
बैठक में शरद पवार, उद्धव ठाकरे, हेमंत सोरेन, एमके स्टालिन, महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला, बदरुद्दीन अजमल समेत कई नेता बैठक में मौजूद हैं। राहुल गांधी भी बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, आज की बैठक में शामिल हुए सभी मुख्यमंत्रियों ने कहा कि विपक्ष को एकजुट होना होगा, गैर बीजेपी राज्य सरकारों को परेशान किया जा रहा है। हमें इकट्ठा होकर केंद्र सरकार का सामना करना है।
सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी देश के सामने खड़े प्रमुख मुद्दों पर विपक्षी दलों को साथ लेकर सरकार को घेरने की कोशिश में हैं और इसी प्रयास के तहत यह बैठक बुलाई गई है। विपक्षी दल राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के वास्ते एकजुट होने के लिए प्रयासरत हैं ताकि अगले लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से कड़ी चुनौती पेश की जा सके।
हाल ही में संपन्न हुए संसद के मानसून सत्र के दौरान पेगासस जासूसी विवाद, किसान आंदोलन और महंगाई के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता देखने को मिली। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी विपक्षी एकजुटता की पूरी कवायद के केंद्रबिंदु नजर आए।