कांग्रेस का सरकार पर आरोप, अर्थव्यवस्था आगे बढ़ने का नाम नहीं ले रही, निजी कॉर्पोरेट निवेश लगातार सुस्त
मांग में वृद्धि ही निवेश को बढ़ावा देती है : रमेश ने दावा किया कि मांग में वृद्धि ही निवेश को बढ़ावा देती है। इसमें कोई दो राय नहीं कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताएं हैं, लेकिन भारत में मांग की कमी के 3 स्पष्ट कारण हैं- मजदूरी में ठहराव, विकृत जीएसटी ढांचा और बढ़ती आर्थिक असमानता। उनके अनुसार जब उपभोग खुद नीचे जा रहा हो तो कंपनियों के पास उत्पादन क्षमता बढ़ाने का कोई ठोस कारण नहीं होता। कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया कि निवेश जितना एक वित्तीय निर्णय है, उतना ही वह मनोवैज्ञानिक कारकों से भी जुड़ा होता है।
उन्होंने दावा किया कि कर आतंक द्वारा मचाई गई तबाही, कुछ खास कॉर्पोरेट समूहों द्वारा व्यवस्था का दुरुपयोग और बड़े कारोबारी वर्ग के भीतर फैला भय और असुरक्षा, इन सभी कारकों ने निवेश की मानसिकता को और भी प्रभावित किया है। रमेश ने आरोप लगाया कि निवेश में यह जड़ता मोदी सरकार की दबाव और दमन की नीतियों का अपरिहार्य परिणाम है।(भाषा)