उन्होंने एक चैनल पर बताया कि जिस व्यक्ति को कोरोना संक्रमण हुआ है, वह बात करने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करे और अगर खांसते या छींकते समय तरल पदार्थ मोबाइल की बाहरी सतह पर गिर जाए तो यह उसके परिजनों को संक्रमित कर सकता है। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों को मोबाइल का प्रयोग कम करना चाहिए क्योंकि कोरोना एक ड्रॉपलेट इन्फेक्शन हैं। उन्होंने कहा कि सावधानी बहुत जरूरी हैं और कपड़े पर सैनिटाइजर लगाकर मोबाइल फोन को साफ कर देना चाहिए। (भाषा)