Nirogi Kaya Abhiyan Of National Health Mission: अगर आप 30 साल या इससे ज्यादा की उम्र के हैं और डॉक्टरों की कोई टीम आपके घर आपकी मेडिकल जांच के लिए आ जाए तो घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। देश का अब तक का सबसे बड़ा हेल्थ चेकअप शुरू हो चुका है, इस अभियान के तहत आपके सिर से लेकर पैर तक की जांच की जाएगी। अगर जांच में कोई बीमारी निकलती है तो सरकार आपका मुफ्त में इलाज भी करेगी।
दरअसल,केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने निरोगी काया अभियान शुरू किया है। जिसके तहत ब्लड प्रेशर, शुगर या मुंह, स्तन या सर्वाइकल कैंसर जैसी तमाम तरह की बीमारियों की जांच की जाएगी। 20 फरवरी से शुरू हुआ यह अभियान पूरे देश में 31 मार्च तक चलेगा। कई अस्पतालों में जांच की यह सुविधा होगी। इसके अलावा आशा वर्कर या एएनएम या फिर फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर जांच के लिए डोर टू डोर जाएंगे। देश में ऐसे 89 करोड लोगों की शुगर, बीपी और कैंसर जैसी बीमारियों की जांच का टारगेट तय किया गया है। वेबदुनिया ने इस पूरी योजना के बारे में जानने के लिए सीएमएचओ डॉ बीएल सेतिया से चर्चा की।
31 मार्च तक चलेगा अभियान :सीएमएचओ डॉ बीएल सेतिया ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गैर-संक्रामक रोग और सामान्य कैंसर के बारे में पता लगाने के लिए घर-घर जाकर 30 वर्ष और इससे अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों की 100 प्रतिशत जांच सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। यह अभियान 20 फरवरी से 30 मार्च तक चलेगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए हमने प्रचार प्रसार और योजना का क्रियान्वयन शुरू कर दिया है।
कौन-कौनसी जांचें होगीं : सीएमएचओ डॉ सेतिया ने बताया कि इस अभियान के दौरान वैसे तो ब्लड प्रेशर, कैंसर और शुगर जैसी बीमारियों को खासतौर से जांचा जाएगा क्योंकि यही अन्य बीमारियों की वजह बनते हैं। हालांकि अभियान में बीएमआई, बच्चे दानी का कैंसर, वीआईए, ब्रेस्ट कैंसर, मुंह का कैंसर पता लगाने के लिए जांचें होंगी।
क्या है निरोगी काया का मकसद : डॉ सेतिया ने बताया कि अभियान का उद्देश्य गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) के साथ मुंह, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की जल्द पहचान करके समय पर इलाज सुनिश्चित करना है। इसे आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (एएएम) और देशभर के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में राष्ट्रीय गैर-संक्रामक रोग रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के तहत चलाया जाएगा। इसमें 30 साल या इससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति यह जांचें मुफ्त करा सकेगा। सरकार ने 89 करोड लोगों की जांच का यह अभियान शुरू किया है। अगर जांच में कोई बीमारी निकलती है तो उसका मुफ्त इलाज भी किया जाएगा।
ऑनलाइन अपलोड होगा डाटा : सीएमएचओ डॉ बीएल सेतिया ने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति जैसे बीपी मानिटर, ग्लूकोमीटर और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जांच, उपचार और फॉलोअप का डाटा प्रतिदिन एनपी-एनसीडी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। अभियान के निर्बाध क्रियान्वयन के लिए प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रतिदिन शाम छह बजे तक मंत्रालय को अपडेट प्रदान करेंगे, जिससे निरंतर निगरानी और तकनीकी सहायता मिल सकेगी।
देश में लगातार बढ़ रहे NCD के मामले : बता दें कि देश में एनसीडी के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय पोषण संस्थान (आइसीएमआर-एनआइएन) के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल मृत्यु दर में एनसीडी का हिस्सा 66 प्रतिशत हैं।
क्यों चुनौती बने ये रोग : हृदय रोग, मधुमेह, पुराने श्वसन रोग और कैंसर सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। खासकर से 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में। अभियान का उद्देश्य एनसीडी के लिए प्रारंभिक पहचान और समय पर इलाज सुनिश्चित करना है। मंत्रालय को इस पहल से स्वास्थ्य देखभाल लागत में कमी आने और देशभर के व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है। Edited By: Navin Rangiyal