नई दिल्ली। उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगों से संबंधित एक मामले में सुनवाई कर रही एक अदालत को सूचित किया गया है कि पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) कानून के तहत निरुद्ध आरोपियों को दी गई आरोप पत्र की प्रतियों में गलती से एक दस्तावेज लगा दिया जिसमें कुछ संरक्षित गवाहों का विवरण था।