Crop insurance will see an increase from 2024 : कृषि बीमा क्षेत्र में वर्ष 2024 से वृद्धि दर्ज होने की संभावना है, जिसमें मध्यम अवधि में औसत वास्तविक प्रीमियम वृद्धि 2.5 प्रतिशत होगी। सोमवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में यह बात कही गई है। समीक्षा कहती है कि साधारण बीमा बाजार में लगभग 12 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले कृषि बीमा में खरीफ फसल मौसम के दौरान प्रीमियम दरों में भारी गिरावट के कारण वित्त वर्ष 2022-23 में स्थिर वृद्धि देखी गई।
कृषि प्रीमियम में वृद्धि होने की संभावना : हालांकि इस गिरावट की भरपाई सत्र के दौरान बीमित भूमि क्षेत्र और किसानों के नामांकन में वृद्धि से हुई। समीक्षा में कहा गया है, वर्ष 2024 से कृषि प्रीमियम में वृद्धि होने की संभावना है, जिसमें मध्यम अवधि में औसत वास्तविक प्रीमियम वृद्धि 2.5 प्रतिशत होगी, जिसे मोबाइल एप्लिकेशन और फसल नुकसान की निगरानी के लिए रिमोट सेंसिंग जैसे बीमा बुनियादी ढांचे में सुधार का समर्थन प्राप्त होगा।
सरकार ने शुरू की कई तकनीकी पहल : फसल बीमा से जुड़ी मौजूदा चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार ने कई तकनीकी पहल शुरू की हैं। इनमें यस-टेक मैनुअल, विंड्स पोर्टल और सैटेलाइट आधारित उन्नत तकनीकों के माध्यम से फसल क्षति का आकलन करने के लिए नामांकन ऐप एआईडीई/सहायक शामिल हैं।
समीक्षा में किसानों के लिए फसल बीमा को और अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से घर-घर जाकर नामांकन की पहल पर भी प्रकाश डाला गया। इन उपायों से फसल क्षति आकलन की दक्षता में वृद्धि होने और देश में कृषि बीमा की समग्र पहुंच में सुधार होने की उम्मीद है। मौजूदा समय में सरकार, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को लागू कर रही है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour