कारगिल, जांस्कर, नुब्रा, पदम, चांगतांग, द्रास और लामायुरु में दंगा रोधी उपकरणों से लैस पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है। पुलिस के अनुसार, आज कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। हिंसा में शामिल होने के आरोप में रातभर में लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया गया। घायलों में तीन नेपाल के नागरिक हैं और पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या हिंसा के पीछे विदेशी हाथ हैं।
लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) की युवा शाखा ने विरोध प्रदर्शन और बंद का आह्वान किया था क्योंकि 10 सितंबर से 35 दिन की भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की हालत मंगलवार शाम बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अन्य प्रमुख शहरों में भी पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिनमें कारगिल भी शामिल है, जहां भूख हड़ताल का नेतृत्व कर रहे वांगचुक के समर्थन में कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) द्वारा बंद का आह्वान किया गया था।
उपराज्यपाल ने भी बताया था साजिश : उपराज्यपाल कविन्द्र गुप्ता ने घटनाओं को हृदय विदारक बताते हुए कहा था कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन जो कुछ हुआ वह स्वतःस्फूर्त नहीं था, बल्कि एक साजिश का नतीजा था। अधिक जनहानि रोकने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर कर्फ्यू लगाया गया है।