मुंबई। बैंकों और एटीएम मशीनों के पास पुराने बंद हो चुके 500, 1,000 रुपए के नोटों को बदलने के लिए लाखों लोगों की भीड़ लगी हुई है। इस स्थिति के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकों के पास बदलने के लिए पर्याप्त मुद्रा उपलब्ध है और लोगों को धैर्य रखना चाहिए।
केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि बैंकों के पास पर्याप्त नकदी उपलब्ध है। देशभर में सभी बैंक शाखाओं पर नकदी पहुंचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। बैंक शाखाओं ने 10 नवंबर 2016 से ही नोट बदलना शुरू कर दिया है। बयान में कहा गया है कि 500 और 1,000 का नोट बंद करने के बाद उसने देशभर में 2,000 का नया नोट और अन्य मूल्य मुद्राओं में इन्हें बदलने की व्यवस्था की है।
केंद्रीय बैंक ने हालांकि स्वीकार किया कि बैंकों को एटीएम पर इसकी समुचित व्यवस्था में कुछ समय लगेगा। 18 नवंबर तक आम जनता एटीएम से प्रतिदिन अधिकतम 2,000 रुपए तक निकाल सकेगी। उसके बाद प्रति कार्ड 1 दिन में एटीएम से 4,000 रुपए तक निकाले जा सकेंगे। कुछ एटीएम ने शुक्रवार सुबह से परिचालन शुरू कर दिया है, क्योंकि बैंक इन मशीनों से 2,000 रुपए तक की निकासी की व्यवस्था कर पाए हैं।
शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन बैंकों के बाहर पुराने नोट बदलवाने के लिए लंबी-लंबी कतारें रहीं। बैंक ग्राहकों की परेशानियों के बीच मुंबई उपनगर में लाइन में लगे एक 73 वर्षीय व्यक्ति विश्वनाथ वारतक की शुक्रवार को मृत्यु हो गई। इस बीच एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने बताया कि 10 से 11 नवंबर तक 2 बजे तक बैंक ने 53,000 करोड़ रुपए जमा किए हैं। एसबीआई ने 1,500 करोड़ रुपए की करेंसी बदली भी है। (भाषा)