इससे पहले, जब राज्य को ताउते चक्रवात का खतरा था, तो इसी तरह मंदिर पर 2 झंडे फहराए गए थे। द्वारकाधीश के मंदिर में 2 झंडे फहराए जाने के बाद चक्रवात ताउते का खतरा कम हो गया था। इस प्रकार एक बार फिर द्वारकाधीश में आस्था के साथ एक साथ 2 ध्वज फहराने का निर्णय लिया गया।
तेज हवा के कारण द्वारका मंदिर का ध्वज टूट गया। तो द्वारका जगत मंदिर के शिखर पर लगा ध्वज भी टूट गया। आज सुबह दो में से एक ध्वज पूरी तरह टूट गया। भक्त तब मांग करते हैं कि ध्वज को बदल देना चाहिए, क्योंकि द्वारका जगत मंदिर का ध्वज सिर्फ एक कपड़ा नहीं है बल्कि लाखों भक्तों की आस्था का प्रतीक है।