गोवा, दलाई लामा दुनिया के शीर्ष नेताओं में से एक हैं। उन्हें शांतिप्रिय, महान बौद्ध शिक्षक और मानवता के हिमायती के रूप में जाना जाता है। लेकिन, उनके व्यक्तित्व का एक और दिलचस्प आयाम है, जो काफी हद तक अज्ञात है।
पिछले पैंतीस वर्षों से, वह वैज्ञानिक समूहों के साथ संवादों की एक सतत् श्रृंखला में लगे रहे हैं। इनमें क्वांटम भौतिकी और ब्रह्मांड विज्ञान से लेकर करुणा और विनाशकारी विचार अथवा भाव जैसे विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।
"दलाई लामा: साइंटिस्ट" नामक फिल्म शीर्ष नेता के रूप में दलाई लामा से जुड़े इस अज्ञात पहलू को उजागर करती है। माइंड ऐंड लाइफ इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित यह फिल्म दर्शकों को उन गहन संवादों में डुबो देती है, जो विज्ञान और बौद्ध धर्म के बीच संबंधों की पड़ताल करते हैं, और दलाई लामा के व्यक्तिगत जीवन के अनुभवों को साझा करतें है।
जैसा कि दलाई लामा कहते हैं, "जब वैज्ञानिक निष्कर्ष ब्रह्मांड विज्ञान के रूप में ज्ञान के ऐसे क्षेत्रों की गहरी समझ प्रदान करते हैं, तो ऐसा लगता है कि बौद्ध व्याख्याएं कभी-कभी वैज्ञानिकों को उनके अध्ययन क्षेत्र में देखने की एक नयी दृष्टि दे सकती हैं।"
यह फिल्म भारत के अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव (आईएसएफएफआई) के उद्घाटन के अवसर प्रदर्शित की गई है। भारत सरकार के विज्ञान प्रौद्योगिकी से संबंधित मंत्रालयों एवं विभागों और गैर-सरकारी संगठन विज्ञान भारती (विभा) द्वारा आयोजित सातवें भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) के हिस्से के रूप में आईएसएफएफआई की शुरुआत शनिवार को गोवा में शुरू हुई है।
"दलाई लामा: साइंटिस्ट" के बाद कई दिलचस्प विज्ञान फिल्में दिखाई गईं, जिन्हें विज्ञान महोत्सव में कई स्थानों पर प्रदर्शित किया गया। प्रतिस्पर्धी श्रेणियों में, छह फिल्में दिखाई गईं, जिनमें इंडिया साइंस की फिल्म सेला टनल शामिल है।
गैर-प्रतिस्पर्धी श्रेणी की अन्य पांच फिल्में भी समारोह के दौरान प्रदर्शित की गईं। कुछ फिल्मों के निर्देशक दर्शकों के साथ बातचीत के लिए मौजूद थे, इस दौरान उन्होंने अपनी फिल्म यात्रा सुनाई और दिलचस्प किस्से साझा किए।
इस मौके पर इंडिया साइंस ओटीटी चैनल पर एक मास्टर क्लास भी आयोजित की गई। भारत में विज्ञान संचार को बढ़ावा देने के लिए इंडिया साइंस की शुरुआत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा की गई है, जो विभाग के स्वायत्त संस्थान विज्ञान प्रसार द्वारा प्रबंधित किया जाता है। विज्ञान प्रसार में वैज्ञानिक-एफ. और चैनल प्रभारी कपिल त्रिपाठी ने मास्टर क्लास का संचालन किया।
मास्टर क्लास के दौरान कपिल त्रिपाठी ने बताया कि चैनल के लिए प्रोग्रामिंग कैसे की जाती है और फिल्म निर्माताओं और विज्ञान संचारकों को इससे जुड़ने के लिए आमंत्रित किया।
इंडिया साइंस चैनल वर्तमान में अंग्रेजी और हिंदी में कार्यक्रम पेश करता है। अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को इसमें जोड़ने की योजना है। यह चैनल भारतीय प्रयोगशालाओं से विभिन्न विषयों पर विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से संबंधित वीडियो स्ट्रीम करता है, जिन्हें मुफ्त में देखा जा सकता है।(इंडिया साइंस वायर)