फेसबुक का डाटा लीक, बच्चों का पर्चा लीक और....

बुधवार, 28 मार्च 2018 (20:34 IST)
फेसबुक का डाटा लीक, आधार का डाटा लीक, चुनाव आयोग की तारीख लीक, सीबीएसई 12वीं और 10वीं के पेपर लीक... और भी न जाने क्या-क्या लीक। इन दिनों देश और दुनिया में 'लीक' को लेकर बवाल मचा हुआ है। अमेरिका में फेसबुक डाटा लीक की चर्चा जोरों पर है। दअरसल, कहा जा रहा है कि कैंब्रिज एनालिटिका नामक कंपनी ने फेसबुक से डाटा लेकर उसका अमेरिकी चुनाव में इस्तेमाल किया और डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव में जीतने में मदद की।
 
 
इसको लेकर भारत में भी कम बवाल नहीं है। केन्द्र सरकार ने फेसबुक को नोटिस जारी कर 7 अप्रैल तक जवाब भी मांग लिया है। यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि इसी बीच, चुनाव की तारीखें चुनाव आयोग से पहले ही भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय और कर्नाटक कांग्रेस के एक नेता ने ट्‍वीट कर बता दी। हालांकि दोनों ही परिणाम की तारीख के मामले में गच्चा खा गए। दोनों ने ही मतगणना की तारीख 18 मई बताई, जबकि हकीकत में मतगणना की तारीख 15 मई है। इस मामले में चुनाव आयोग ने अपनी लीक नहीं छोड़ी और बयान जारी कर कहा कि इस मामले की जांच होगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 
 
देश में आधार डाटा लीक होने को लेकर लोगों की चिंताएं कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही हैं और सरकार है कि आधार की अनिवार्यता को लेकर अड़ी हुई है। लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली है। विभिन्न योजनाओं में आधार लिंक करने की तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है। लोग हैं कि आधार का डाटा लीक होने के डर में दुबले हुए जा रहे हैं। 
 
अब बड़ों की चिंता में बच्चों की ओर तो किसी का ध्यान ही नहीं है। सीबीएसई बोर्ड का 12वीं का अर्थशास्त्र और 10वीं का गणित का पर्चा भी लीक हो गया। लीक यानी नियम से हटकर हुई इस हरकत से बच्चे सदमे में हैं कि पिछली तैयारी पर तो पानी‍ फिर गया, लेकिन अब पता नहीं क्या होगा। अब सरकार है कि स्वच्छ भारत का ढोल तो पीटती है, लेकिन बच्चों की परीक्षाएं भी स्वच्छ तरीके से नहीं हो पा रही हैं। बच्चों के मन से परीक्षा का डर भगाने के लिए तो हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक्जाम वारियर्स' नामक पुस्तक लिख दी, लेकिन पेपर लीक करने वालों के लिए न तो 'मन की बात' कर पाए और न ही अलग से कोई किताब लिख पाए। 
 
हमारे मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी रटारटाया बयान जारी कर दिया, 'आगे से इस मामले में कड़ी सुरक्षा की जाएगी।' मोदीजी ने भी परंपराओं की लीक नहीं छोड़ी और नाराजी जताते हुए कह दिया कि इस मामले से जुड़े लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। दअरसल, कुछ लोग लीक पर चलना नहीं चाहते, जबकि जिन्हें लीक छोड़कर काम करने की जरूरत है, वे सिर्फ लीक ही पीट रहे हैं। अरे हां, इस लीक कांड में हम आपको यह तो बताना ही भूल गए कि मुंबई के बोरीवली में पाइप लाइन में ऐसा लीक हुआ कि एक कार ही हवा में उछल गई। 
 
अब हम भी किसी ऐसी ही लीक की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे दुर्व्यवस्था रूपी कार उछलकर धम्म से नीचे आ गिरे। अब लोगों का क्या है, लोगों ने तो इन लाइनों के भी अलग-अलग अर्थ निकाल लिए हैं- 'लीक लीक गाड़ी चले लीकहि चले कपूत, लीक छोड़ तीनों चलें शायर सिंह सपूत।' अब आप ही देख लीजिए इन पंक्तियों में खुद को कहां पाते हैं।

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