नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने यौन हिंसा के मामले में आरोपी स्वयंभू उपदेशक दाती महाराज से सोमवार को कहा कि पीड़िता द्वारा अदालत से सूचना छिपाए जाने संबंधी अपनी शिकायत के समाधान के लिए वे दिल्ली उच्च न्यायालय जाएं। हालांकि शीर्ष अदालत ने दाती महाराज को उच्च न्यायालय द्वारा मामले के अंतिम रूप से निपटाए जाने के बाद फिर उसके पास आने की छूट प्रदान की है।
न्यायमूर्ति एनवी रमण और न्यायमूर्ति एमएम शांतानागौदर ने दाती महाराज की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा कि वे यौन हिंसा के इस मामले को सीबीआई को सौंपने का आदेश देने वाले उच्च न्यायालय के पास जाएं। रोहतगी ने कहा कि जिस याचिकाकर्ता की याचिका पर उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है, उसने यह तथ्य छिपाया कि उन्हीं वकीलों द्वारा दायर गई आपराधिक याचिका उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी और यहां तक कि शीर्ष अदालत में भी याचिका वापस ले ली गई थी।