अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि प्रकाश को अंदरूनी चोट लगने के अलावा सिर और पैर में भी गंभीर चोटें आई थीं और उसे नाजुक स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों को उसका बायां पैर घुटने के नीचे से काटकर हटाना पड़ा, लेकिन पिछले कुछ दिनों में उसकी हालत बिगड़ गई थी।
अस्पताल ने उसकी मौत के बाद स्थानीय पुलिस से संपर्क किया और पोस्टमार्टम के बाद उसका शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। अस्पताल के अधीक्षक सुधांशु शेखर मिश्रा ने बताया कि रक्ताधान के बाद संक्रमण से बचाने के लिए चिकित्सकों को तीन दिन पहले, बाएं घुटने के ऊपर भी अंग काटना पड़ा।
उन्होंने कहा कि मरीज बृहस्पतिवार रात तक ठीक था, वह बातचीत कर रहा था और भोजन भी कर रहा था। लेकिन शुक्रवार सुबह अचानक उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि उसके कई अंगों को चोटें आई थीं। हम उसकी मौत का अभी सटीक कारण नहीं बता सकते, हम विवरण की पड़ताल कर रहे हैं।
मंगलवार से अस्पताल में मरने वाला प्रकाश दूसरा व्यक्ति है, जो रेल हादसे में घायल हुआ था। उस दिन एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में, चोटों के चलते मरने वाला बिजय पासवान नाम का व्यक्ति भी बिहार का रहने वाला था।
इस बीच, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर में रखे गए 81 शवों की पहचान होनी अभी बाकी है। इनकी डीएनए रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। कुल 78 परिवारों ने डीएनए नमूने दिए हैं। (भाषा)