आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि इस अवधि में उत्तर प्रदेश में 401 लोग न्यायिक हिरासत में तथा 27 पुलिस हिरासत में मारे गए। पंजाब में 170, मध्यप्रदेश में 165, महाराष्ट्र में 128, पश्चिम बंगाल में 98, राजस्थान में 93, बिहार में 90 और झारखंड में 70 लोगों की मौत न्यायिक हिरासत में हुई।
पुलिस के साथ मुठभेड़ के सबसे अधिक 66 मामले छत्तीसगढ में, 43 असम, 15 झारखंड़ और 10 ओडिशा में मामले दर्ज किए गए। (वार्ता)