हालांकि वरिष्ठ अधिवक्ता के 11 सवालों को संयुक्त रजिस्ट्रार अमित कुमार ने इस आधार पर अनुमति नहीं दी कि कुछ रिकॉर्ड से जुड़े हैं और इस मामले में अप्रासंगिक हैं तथा अन्य विधि के प्रश्न हैं, तथ्य नहीं जबकि कुछ पर नियमित अदालत के सामने सुनवाई के दौरान दलीलें दी जा सकती हैं।
वित्त मंत्री केजरीवाल और पांच आप नेताओं राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक बाजपेयी के खिलाफ अपने दीवानी मानहानि वाद के समर्थन में सबूत पहले ही सौंप चुके हैं।
हालांकि जेटली ने केजरीवाल के इस दावे से इंकार किया कि दिल्ली मुख्यमंत्री के कार्यालय पर दिसंबर 2015 में सीबीआई छापेमारी का पूरी तरह से उद्देश्य डीडीसीए में कथित अनियमितताओं से जुड़ी फाइलों को हटाना था। जेटली से सवाल भाजपा के उनके पूर्व सहयोगी ने पूछे जिन्हें 2013 में छह वर्ष के लिए पार्टी से निकाल दिया गया था।
जेटली ने संयुक्त रजिस्ट्रार को बताया, 'मुझे मीडिया में यह पढ़ना याद है कि प्रतिवादी संख्या एक (मुख्यमंत्री) और शायद कुछ अन्य ने आरोप लगाया था कि सीबीआई ने कुछ फाइलें ले जाने के लिए छापा मारा जहां उन्होंने आरोप लगाया कि मेरा नाम था। मुझे व्यक्तिगत रूप से इस तरह की जानकारी के बारे में कुछ पता नहीं है।'