रक्षामंत्री ने कहा कि वर्तमान जटिल और कठिन वैश्विक परिस्थितियां वैश्विक स्तर पर सभी को प्रभावित करती हैं। उन्होंने सेना के शीर्ष अधिकारियों का आह्वान किया कि अप्रत्याशित स्थितियों के अनुरूप योजना तैयार करें, रणनीति बनाएं और निपटने की तैयारी करें।
उन्होंने कहा कि गैर परंपरागत युद्ध, भविष्य के पारंपरिक युद्धों का हिस्सा होगा और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे संघर्षों में भी यह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो रहा है। दिल्ली में सोमवार से शुरू हुए पांच दिवसीय सैन्य कमांडर सम्मेलन में चीन के साथ लगी सीमाओं समेत अन्य मोर्चों पर संभावित राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर विचार करते हुए सेना की समग्र लड़ाकू क्षमताओं को मजबूत करने पर बातचीत की जा रही है।
रक्षामंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता के माध्यम से हर जवान के लिए शस्त्रों का आधुनिकीकरण सरकार के ध्यान देने वाला प्रमुख बिंदु है। उन्होंने सैन्य कमांडरों को संबोधित करते हुए कहा, रक्षा कूटनीति, स्वदेशीकरण, सूचना युद्ध, रक्षा बुनियादी ढांचे और बल आधुनिकीकरण से संबंधित मुद्दों पर हमेशा ऐसे मंच पर विचार किया जाना चाहिए।