सम्मेलन के तीसरे दिन का मुख्य आकर्षण रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ बातचीत रहा, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना की भविष्य के लिए तैयार बल के रूप में परिवर्तन की आवश्यकता योजनाओं की जानकारी प्रदान करना था।
सिंह ने कहा कि हमें किसी भी परिचालन आकस्मिकताओं के लिए तैयार रहना चाहिए और इसलिए परिचालन की तैयारी हमेशा अपने उच्च स्तर पर होनी चाहिए। उन्होंने अपनी सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने के अलावा नागरिक प्रशासन की आवश्यकतानुसार सहायता प्रदान करने में सेना द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने उच्च स्तर की परिचालन तैयारियों और क्षमताओं के लिए रक्षाबलों की सराहना की। सिंह ने कहा कि इसका अनुभव उन्होंने हमेशा सीमावर्ती क्षेत्रों की अपनी यात्राओं के दौरान किया है। सेना के अनुसार, उन्होंने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों सहित नागरिक उद्योगों के सहयोग से विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए सेना के प्रयासों और 'स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण' या 'आत्मनिर्भरता' के उद्देश्य की दिशा में प्रगति की भी सराहना की।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour