भोपाल। कहते हैं कि राजनीति में कोई एक बार विधायक बन जाए तो वह कई पुश्तों को तार देता है। विधायक बनते ही उसके पूरे कुनबे की हैसियत और रंग-ढंग बदल जाते हैं, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी के एक विधायक ने इस मान्यता को सिरे से खारिज कर दिया है।
नए और पुराने शहर को जोड़ने वाले पुल बोगदा के पास अपनी छोटी सी पंचर की दुकान चलाने वाले पीएन देशमुख बेटे के दूसरी बार विधायक चुने जाने पर गदगद है। वेबदुनिया से बातचीत में पीएन देशमुख कहते हैं कि बेटे के दूसरी बार विधायक चुनाने की सबसे बड़ी वजह उसका अपने क्षेत्र में किए जाने वाला काम है। वह बेटे की जीत को उसके सिद्धांतों की जीत बताते है।
जंगपुरा से विधायक चुने गए प्रवीण कुमार का बचपन भोपाल में गुजरा है। भोपाल से पढ़ाई लिखाई करने वाले प्रवीण कुमार दिल्ली तो गए थे प्राइवेट नौकरी करने लेकिन अन्ना आंदोलन में शामिल हो गए। सात साल पहले जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ तो प्रवीण उसमें आ गए और 2015 में जंगपुरा विधासभा सीट से पहली बार विधायक चुने गए। आम आदमी पार्टी के कई ऐसे विधायक है जो निर्धन परिवार से ताल्लुक रखते है और दूसरी बार विधायक चुने गए है।