TMC leader Mahua Moitras petition rejected: दिल्ली उच्च न्यायालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ एक जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) से गोपनीय सूचना मीडिया में कथित तौर पर लीक किए जाने के विरुद्ध उनकी याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
क्या कहा न्यायमूर्ति प्रसाद ने : न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि मोइत्रा संसद की पूर्व निर्वाचित सदस्य हैं और लोगों को सार्वजनिक हस्तियों से संबंधित किसी भी खबर के बारे में जानने का अधिकार है। न्यायाधीश ने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया को निषिद्ध करने का आदेश केवल तभी पारित किया जा सकता है, जब यह किसी जांच पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हो।
अदालत ने कहा कि लोग सार्वजनिक हस्तियों से संबंधित कोई भी समाचार पाने के हकदार हैं। सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों की समाज के प्रति जवाबदेही अधिक होती है और उन पर सभी की नजरें होती हैं।
सार्वजनिक जीवन के बारे में प्रकाशन नहीं रोक सकते : न्यायाधीश ने कहा कि चूंकि सार्वजनिक हस्तियों पर करीबी नजर रखी जाती है, ऐसे में जब तक उनके व्यक्तिगत सार्वजनिक व्यक्तित्व या परिवार के निजी जीवन में हस्तक्षेप नहीं होता हो, इन हस्तियों के सार्वजनिक जीवन के बारे में प्रकाशनों को सरकार या अदालत द्वारा रोका नहीं जा सकता।
मोइत्रा ने जारी जांच के सिलसिले में कोई भी गोपनीय, संवेदनशील, असत्यापित/अपुष्ट सूचना प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को लीक करने से ईडी को रोकने के लिए एक निर्देश जारी करने का अदालत से अनुरोध किया था। उन्होंने कई मीडिया संस्थानों को प्रतिवादी संख्या-1(ईडी) द्वारा की जा रही जांच/कार्यवाही के सिलसिले में कोई भी सूचना लीक/प्रकाशित करने या प्रसारण करने से रोकने के लिए भी निर्देश देने का अनुरोध किया था।
अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी के अनुसार, वह सूचना साझा करने के लिए केंद्र द्वारा जारी मीडिया नीति पर परामर्श का पालन कर रही है। न्यायाधीश ने कहा कि अखबार की कतरनें याचिकाकर्ता के निजी जीवन से संबंधित नहीं हैं, बल्कि केवल उस जांच के बारे में है जो याचिकाकर्ता के खिलाफ की जा रही है, जो एक सार्वजनिक हस्ती हैं और इसका उनके निजी जीवन से कोई लेना-देना नहीं है।
नहीं दी जा सकती राहत : अदालत ने कहा कि इस अदालत की यह राय है कि वर्तमान रिट याचिका के माध्यम से याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई राहत को इस समय दिए जाने की आवश्यकता नहीं है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, रिट याचिका खारिज की जाती है। इस जांच में, याचिकाकर्ता को फेमा के प्रावधानों के तहत समन जारी किए गए हैं।
इस महीने की शुरुआत में, संघीय एजेंसी ने मोइत्रा को समन जारी कर 19 फरवरी को उसके समक्ष पेश होने के लिए कहा था। उस दिन टीएमसी नेता के ईडी के समक्ष पेश होने में विफल रहने के बाद, 26 फरवरी को पेश होने के लिए एक नया समन जारी किया गया था। ईडी ने फेमा के तहत दर्ज मामले में मोइत्रा को समन जारी किए थे।
क्या है मामला : सूत्रों ने बताया कि मामले में विदेश भेजी गई रकम और धन के हस्तांतरण के अलावा एक अनिवासी (एनआरई) खाते से जुड़े लेनदेन एजेंसी की जांच के दायरे में हैं। मोइत्रा ने अपनी याचिका में कहा था कि जांच के बारे में गोपनीय सूचना मीडिया को लीक किए जाने से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच के उनके अधिकार पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। (भाषा)