नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि कोरोनिल के उपयोग को लेकर रामदेव के खिलाफ चिकित्सकों के विभिन्न संगठनों द्वारा दायर मुकदमों पर वह 6 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। अदालत ने योग गुरु से कहा कि वह चिकित्सकों के संगठनों की याचिकाओं पर जवाब दायर करें जिनमें कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय में लंबित कथित रूप से समान याचिकाओं के कारण यहां सुनवाई नहीं रुकनी चाहिए।
कोरोनिल पतंजलि आयुर्वेद द्वारा विकसित एक दवा है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाई के रूप में सरकार के पास पंजीकृत है। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भम्भानी ने प्रतिवादियों रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और अन्य को वादियों (चिकित्सकों के संगठन) द्वारा दी गई अर्जियों पर नोटिस जारी किया और कहा कि मैं आपको कुछ समय दूंगा। हमें (उच्चतम न्यायालय में लंबित) रिट याचिका को देखना होगा। मैं आपके मामले पर किसी और दिन संक्षिप्त सुनवाई करुंगा।
वादियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अखिल सिब्बल ने दलील दी कि वहां सुनवाई कब होगी इस पर किसी का वश नहीं है और उच्चतम न्यायालय में तारीख कम्प्यूटर से तय होती है, उच्चतम न्यायालय में किसी अन्य द्वारा दायर याचिकाओं के कारण उच्च न्यायालय में सुनवाई नहीं रुकनी चाहिए।
प्रतिवादियों में से एक, पतंजलि की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इन्द्रबीर सिंह ने कहा कि उसने मौजूदा सुनवाई को उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में लाने के लिए आवेदन दे दिया है और उसके जल्दी ही सूचीबद्ध होने की संभावना है।