रतलाम। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे एवं चंबल एक्सप्रेस वे विकास का महामार्ग बनेंगे और इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे मध्यप्रदेश में संपन्नता आएगी।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे परियोजना का 245 किलोमीटर क्षेत्र मध्यप्रदेश से गुजरेगा तथा वह राजस्थान के रामगंजमंडी से मध्यप्रदेश में दाखिल होकर मंदसौर, रतलाम, झाबुआ जिले से गुजरते हुए अनास नदी के पास गुजरात में निकलेगा, जबकि 404 किलोमीटर चंबल एक्सप्रेस वे मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों को जोड़ेंगे।
गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे एवं चंबल एक्सप्रेस वे दोनों मध्यप्रदेश के लिए विकास का महामार्ग साबित होंगे। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और प्रदेश में संपन्नता आएगी। वह निर्माणाधीन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का निरीक्षण करने के बाद रतलाम जिले के जावरा में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे दुनिया का सबसे लंबा हाईवे है जिसकी लंबाई करीब 1,350 किमी है।
गडकरी ने बताया कि इसकी विशेषता ये है कि इससे दिल्ली से मुम्बई की यात्रा मात्र 12 घंटे में पूरी हो सकेगी और सड़क से ईंधन की खपत में 320 मिलियन लीटर की कमी भी आएगी, जो पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद होगी। गडकरी ने कहा कि आठ लेन के इस एक्सप्रेस-वे के मध्यप्रदेश के हिस्से का निर्माण 8,500 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एक बार भारत की वित्तीय और राजनीतिक राजधानियों को जोड़ने वाला हाईवे पूरा हो जाएगा तो झाबुआ और रतलाम समृद्ध हो जाएंगे। गडकरी ने कहा कि चंबल एक्सप्रेस-वे (जिसे अटल एक्सप्रेस-वे भी कहा जाता है) मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के पिछड़े इलाकों से होकर गुजरेगा तथा 404 किलोमीटर चंबल एक्सप्रेस वे में से 313 किलोमीटर हिस्सा मध्यप्रदेश से होकर गुजरेगा।
उन्होंने कहा कि यह हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर लॉजिस्टिक्स पार्कों, औद्योगिक इकाइयों, कृषि उत्पादन केंद्रों और खाद्य प्रसंस्करण सुविधाओं की स्थापना के साथ इसके पास स्थित क्षेत्रों के विकास में योगदान देगा।(भाषा)