शनिवार को दिल्ली से एक खबर आई थी कि गुजरात की एक महिला से 2 बदमाशों ने झपटमारी करते हुए सामान छीन लिया। देश में इस तरह के अपराध की लाखों घटनाएं होती हैं, लेकिन थोड़ी देर में यह खबर मीडिया में सनसनी की तरह फैल गई। कारण था जिस महिला के साथ झपटमारी की वारदात हुई थी, वे कोई साधारण महिला नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भतीजी थीं।
पुलिस की इस बात के लिए सराहना की जानी चाहिए कि उसने महज 24 घंटे के भीतर एक आरोपी को दबोच लिया और सामान भी बरामद कर लिया। लेकिन, दूसरी ओर दुखद पहलू यह भी है कि लोगों को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कई दिनों तक थाने के चक्कर काटने पड़ते हैं। कई बार तो आम आदमी दो-तीन थानों के बीच झूलता रहता है।
दरअसल, शनिवार को प्रधानमंत्री के भाई प्रह्लाद मोदी की बेटी दमयंतीबेन मोदी शनिवार सुबह जब ऑटो रिक्शा से उतर रही थीं, तभी 2 लोगों ने उनका पर्स और 2 मोबाइल फोन उनके हाथ से छीन लिया। उनके पर्स में 56,000 रुपए नकद थे।
उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में गुजराती समाज भवन के सामने शनिवार सुबह 7 बजे जब दमयंती ऑटो से उतरीं तो स्कूटर पर सवार 2 लोगों ने उनका पर्स छीन लिया। इसमें उनके 2 फोन, नकदी, कुछ कागजात और अन्य सामान था। वे अमृतसर से दिल्ली आई थीं और शाम को उनकी अहमदाबाद की उड़ान थी।
बदमाशों को पकड़ने के बाद दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना की जानकारी भी दी। जब पत्रकारों ने पुलिस अधिकारी पर सवाल दागा कि मामला हाईप्रोफाइल था, इसलिए पुलिस महकमे ने इतनी तेजी दिखाई तो वह इससे इंकार कर रही थी।