Delhi rain : एक दिन में 9 इंच बारिश से दिल्ली डूब गई। शहर के मुख्य इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। घरों में बिजली गुल गई और सड़कों पर यातायात बाधित होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। भारी बारिश की वजह से दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 की छत का एक हिस्सा भी ढह गया। ALSO READ: दिल्ली में हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 पर बड़ा हादसा, क्या बोले विमान मंत्री नायडू
सफदरजंग वेधशाला ने शुक्रवार सुबह 8.30 बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 228.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की है जो जून के महीने की 74.1 मिलीमीटर औसत बारिश से तीन गुना से अधिक है तथा कम से कम 16 साल में इस महीने में सर्वाधिक है।
शहर के विभिन्न स्थानों से आ रहीं तस्वीरों के अनुसार कई इलाको में जल भराव से लंबा जाम लग गया है। इस दौरान विशेषकर कार्यालय समेत अपने कार्यस्थल जाने वाले लोगों समेत अन्य यात्रियों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। दिल्लीवासियों ने जलमग्न सड़कों पर डूबे वाहनों और यातायात बाधित होने के कारण फंसी गाड़ियों की तस्वीरें एवं वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए हैं।
दिल्ली यातायात पुलिस ने प्रभावित मार्गों के संबंध में परामर्श जारी कर यात्रियों को इसके अनुसार ही अपनी यात्रा योजना बनाने की सलाह दी है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि अब मैं हमेशा की तरह सप्ताहांत में अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए हवाई अड्डे की ओर उड़ान भरने जा रहा हूं। यह हमारा सामान्य मार्ग था, जिसे हमने आज टाल दिया!!
कई स्थानों पर बिजली गुल : बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के अधिकारियों ने बताया कि शहर के जलभराव वाले इलाकों में तकनीकी खराबी और एहतियातन बिजली आपूर्ति बंद करने से बिजली आपूर्ति बाधित हुई। द्वारका, जंगपुरा और लक्ष्मीनगर के लोगों ने बताया कि इन क्षेत्रों में सुबह बारिश शुरू होते ही बिजली आपूर्ति ठप पड़ गई। मरम्मत का कार्य चल रहा है और जल्द आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।
जलभराव के लिए कौन जिम्मेदार : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली में शुक्रवार सुबह भारी बारिश के बाद जलभराव की स्थिति के लिए नालों में जमा प्लास्टिक कचरे को जिम्मेदार ठहराया और दिल्ली सरकार पर इस मुद्दे पर निष्क्रियता का आरोप लगाया। हमने एकल उपयोग वाली प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया था और दिल्ली सरकार से भी कार्रवाई करने को कहा था।
उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली सरकार के उद्योग विभाग से कई बार इन (एकल प्लास्टिक विनिर्माण) इकाइयों को बंद करने को कहा था। इन इकाइयों ने न केवल पर्यावरण को प्रदूषित किया है बल्कि औद्योगिक आपदा की भी स्थिति पैदा हुई है और फिर भी दिल्ली सरकार निष्क्रिय बनी हुई है।