भारतीय जनता पार्टी के निशिकांत दुबे ने शून्यकाल में यह मामला उठाया और कहा कि संविधान में नीति-निर्देशक तत्वों की व्यवस्था है जिनके तहत सरकार मध्याह्न भोजन जैसी कई सुविधाओं को नागरिकों के हितों में क्रियान्वित कर सकती है। इन निर्देशों के 44वें खंड में किए गए प्रावधानों के अनुसार देश में सभी वर्गों के लिए समान नागरिक संहिता को लागू किया जा सकता है।