उन्होंने कहा, यह तथ्य कि हम अपने बैंक खातों में जमा अपनी ही राशि तक पहुंच नहीं बना सकते और यह विएना संधि एवं अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन है। यह काफी राजदूतों की मुख्य चिंता है। उन्होंने कहा कि प्रति सप्ताह 50000 रुपए की निकासी की सीमा हटाई जानी चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि मुद्दे का जल्द ही समाधान हो जाएगा और विदेशी सरकारों द्वारा ऐसी कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ेगी। कैस्टेलानोज ने कहा, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सभी सरकारें ऐसा करेंगी लेकिन ऐसी सरकारें हो सकती हैं जो अपने देशों में भारतीय राजनयिकों के साथ ऐसा ही करने की संभावना का अध्ययन कर रही हों।
कैस्टेलानोज ने कहा, मेरा मानना है कि आखिर में निर्णय उन्हें (प्रधानमंत्री को) करना है..। उन्हें निर्णय करना है कि राजनयिकों को अपने खातों से बड़ी राशि निकालने की शक्ति होगी या नहीं। यह पूछे जाने पर कि क्या कुछ देश वास्तव में ऐसे ही कदम उठा सकते हैं, उन्होंने कहा, वे कहते हैं कि वे अपने मंत्रालयों से ऐसा करने की संभावना के बारे में चर्चा कर रहे हैं। (भाषा)