नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने डेनिश महिला से 2014 में हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में 5 दोषियों को सुनाई गई मृत्युपर्यंत आजीवन कारावास की सजा को सोमवार को बरकरार रखा। उच्च न्यायालय ने दोषियों की अपील को खारिज कर दिया। दोषियों ने निचली अदालत के उन्हें दोषी ठहराने और सजा सुनाने के 2016 के फैसले को चुनौती दी थी।
अदालत ने कहा था कि महिला का अपहरण करने और उसके बाद उससे सामूहिक बलात्कार करने के उनके अमानवीय और बर्बर कृत्यों ने राष्ट्र की प्रतिष्ठा पर दाग लगाया था। अदालत ने पांचों को आईपीसी की धारा 376 (डी) (सामूहिक बलात्कार), धारा 395 (डकैती), धारा 366 (अपहरण), धारा 342 (कैद करके रखने), धारा 506 (आपराधिक धमकी) और धारा 34 (समान आशय) के लिए दोषी ठहराया था।