प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की 3 सदस्यीय खंडपीठ ने बार काउन्सिल ऑफ इंडिया, राज्य बार काउन्सिल, जम्मू उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन और कठुआ जिला बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किए। इन सभी से 19 अप्रैल तक जवाब मांगे गए हैं।
शीर्ष अदालत इस मामले का उस समय स्वत: संज्ञान लेने के लिए तैयार हो गई जब कई वकील इस घटना से संबंधित सामग्री लेकर उसके समक्ष आए। इससे पहले, सबेरे जब कुछ वकीलों ने इस मामले के संबंध में कठुआ और जम्मू और कश्मीर बार एसोसिएशनों की हड़ताल के आह्वान का न्यायिक संज्ञान लेने का अनुरोध करते हुए इसका उल्लेख किया था तो न्यायालय ने उनसे कहा था कि वे कुछ सामग्री और तथ्य तो पेश करें।
जम्मू कश्मीर सरकार के वकील शोएब आलम ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में मजिस्ट्रेट के समक्ष गुरुवार को आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। आलम ने मामले की सीबीआई जांच की शीर्ष अदालत के कुछ वकीलों की मांग का विरोध किया और कहा कि राज्य की अपराध शाखा इस घटना की गहराई से जांच कर रही है। आलम को प्रधान न्यायाधीश के न्यायालय में बुलाया गया था।