गुरुवार को डायमंड किंग सावजी इन कर्मचारियों को सम्मानित करेंगे। कुछ ही दिनों पहले उन्होंने अपने कर्मचारियों को बीएमडब्ल्यू भेंट की थी। पहली बार इस ग्रुप के चार कर्मचारियों को यह तोहफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों गुरुवार को नई दिल्ली में दिया जाएगा। लॉयल्टी प्रोग्राम के तहत इस वर्ष 1500 कर्मचारियों का चयन किया गया है।
इसमें से 600 कर्मचारियों ने गिफ्ट के रूप में कार पर सहमति दी, जबकि 900 कर्मचारियों ने बैंक में एफडी की मांग की। इसमें एक दिव्यांग बेटी भी शामिल है। एक जानकारी के अनुसार, कंपनी दिवाली बोनस के बतौर पर कुल 50 करोड़ रुपए कर्मचारियों पर खर्च कर रही है। यह उस लॉयल्टी प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसे 2011 में इस कंपनी ने शुरू किया था।
तीन कर्मचारियों को दी थी मसिर्डीज बैंज : पिछले माह सावजी भाई ने तीन कर्मचारियों को (जिन्होंने नौकरी के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं) मसिर्डीज बैंज गिफ्ट की थी। पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के हाथों से कार की चाबियां कर्मचारियों को दिलाई गईं। 1 करोड़ रुपए की कीमत की जीएल फॉर्मेटिक मॉडल वाली कारें इन कर्मचारियों को बतौर सरप्राइज गिफ्ट दी गई थीं।
कर्ज लेकर शुरू किया था कारोबार : आज हरिकृष्णा भले ही हीरा किंग हो गए हों, लेकिन सफलता तक पहुंचने की उनकी कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। अमरेली जिले के दुधाला गांव के रहने वाले सावजी ढोलकिया ने अपने चाचा से कर्ज लेकर हीरा कारोबार शुरू किया और अपनी मेहनत से उसे इस मुकाम तक पहुंचाया।
बेटे को सिखाई पैसों की अहमियत : अरबपति होने के बाद भी सावजी भाई ने हाल ही अपने बेटे द्रव्य को पैसे की अहमियत की सीख देने के लिए सिर्फ 7 हजार रुपए के साथ कोची शहर में खुद के दम पर रोजी-रोटी कमाने भेजा था। एमबीए कर चुके बेटे को अपने पैरों पर खड़े होने की कला सिखाने के लिए उन्होंने ऐसा किया था। सावजी भाई का यह कदम भी चर्चा में आया था।