पेट्रोल के दाम चार साल के उच्चस्तर पर, डीजल ने भी तोड़ा रिकॉर्ड

Webdunia
रविवार, 1 अप्रैल 2018 (14:35 IST)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल कीमतें रविवार को 73.73 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गईं, जो इसका 4 साल का उच्चस्तर है, वहीं डीजल 64.58 रुपए प्रति लीटर हो गया है, जो इसका रविवार को तक का सबसे ऊंचा स्तर है। ऐसे में सरकार पर एक बार फिर उत्पाद शुल्क कटौती के लिए दबाव बढ़ने लगा है।
 
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां पिछले साल जून से दैनिक आधार पर ईंधन कीमतों में संशोधन कर रही हैं। मूल्य अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में रविवार को पेट्रोल और डीजल कीमतों में 18 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई।
 
दिल्ली में अब पेट्रोल 73.73 रुपए प्रति लीटर हो गया है। इससे पहले 14 सितंबर 2014 को पेट्रोल की कीमत 76.06 रुपए प्रति लीटर के उच्चस्तर पर पहुंची थीं। डीजल का दाम  64.58 रुपए प्रति लीटर के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इससे पहले 7  फरवरी 2018 को डीजल ने 64.22 रुपए प्रति लीटर का उच्चस्तर छुआ था।
 
पेट्रोलियम मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते कच्चे तेल के दामों के मद्देनजर पेट्रोल  और डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती की मांग की थी, लेकिन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को बजट में उसकी इस मांग को नजरअंदाज कर दिया था। दक्षिण एशियाई देशों में  भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमत सबसे अधिक है। पेट्रोल पंप पर ईंधन की कीमत में आधा हिस्सा करों का होता है।
 
नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के दौरान वैश्विक स्तर पर तेल कीमतों में गिरावट के बावजूद वित्तमंत्री जेटली ने उत्पाद शुल्क में 9 बार बढ़ोतरी की है। सिर्फ 1 बार पिछले  साल अक्टूबर में इसमें 2 रुपए लीटर की कटौती की गई।
 
उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद केंद्र ने राज्यों से मूल्यवर्धित कर (वैट) घटाने को कहा था, लेकिन महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने ही ऐसा किया था। भाजपा शासित राज्यों सहित अन्य राज्यों ने केंद्र के इस आग्रह पर ध्यान नहीं दिया था।
 
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2017 में उत्पाद शुल्क में 2 रुपए लीटर की कटौती की थी। उस समय दिल्ली में पेट्रोल का दाम 70.88 रुपए लीटर और डीजल का 59.14 रुपए लीटर था। उत्पाद शुल्क कटौती के बाद 4 अक्टूबर 2017 को डीजल 56.89 रुपए लीटर और पेट्रोल 68.38 रुपए लीटर पर आ गया था, हालांकि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बाद अब पेट्रोल-डीजल की कीमतें कहीं अधिक हो चुकी हैं। (भाषा)

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