Digital Revolution in Agriculture Sector : किसानों के संगठन एफएआईएफए ने बुधवार को नई दिल्ली में कहा कि कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति (Digital Revolution) के लिए सरकार की पहल युवाओं का कृषि से पलायन रोकने में काफी मददगार साबित होगी। अखिल भारतीय किसान संघों के महासंघ (FAIFA) ने कहा कि हाल ही में घोषित कुल 14,000 करोड़ रुपए की 7 योजनाएं युवाओं को गांव से शहर और खेती से अन्य व्यवसायों की ओर जाने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
यह महासंघ आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात में वाणिज्यिक फसलों के किसानों और खेत मजदूरों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है। एफएआईएफए के अध्यक्ष जवारे गौड़ा ने बयान में कहा कि ये नई योजनाएं सिर्फ प्रौद्योगिकी एकीकरण के बारे में नहीं हैं। इससे जलवायु परिवर्तन और बाजार की अनिश्चितताओं के उत्पन्न कृषि संकट को दूर करने में मदद मिलेगी जिसने हमारे युवाओं के लिए कृषि को अलाभकारी बना दिया है।
महासंघ के अनुसार इन योजनाओं से नए रोजगार सृजित होने की संभावना है। विभिन्न कौशलों की मांग से भविष्य में ग्रामीण भारत के युवाओं के लिए अधिक अवसर खुलेंगे। किसानों के संगठन ने कहा कि वास्तव में बल्कि रिवर्स माइग्रेशन (शहरों से गांवों में पलायन) हो सकता है और हम अधिक संतुलित शहरी-ग्रामीण विकास देख सकते हैं।
एफएआईएफए ने कहा कि डिजिटल कृषि मिशन (डीएएम) जिसका एक प्रमुख तत्व पहलू कृषि ढांचे का विकास है, यह एक व्यापक डेटाबेस की तरह काम करेगा जिसमें किसानों की जमीन, उनके गांव के मानचित्र, फसल बोई के तरीकों आदि के विस्तृत रिकॉर्ड रखे जाएंगे।
एफएआईएफए के महासचिव मुरली बाबू ने कहा कि कृषि में डिजिटल क्रांति एक बड़ी क्रांति साबित होगी, क्योंकि इसमें प्रमुख तथा संबद्ध क्षेत्रों में लाखों नौकरियों का सृजन करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि यह डिजिटलीकरण न केवल इस क्षेत्र में नई जान फूंकेगा बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि यह भारत में सबसे अधिक नौकरियां मुहैया कराने वाला क्षेत्र बना रहे।(भाषा)