उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब से अयोध्या में दीपावली मनाने की घोषणा की है तब से वहां सियासी माहौल गरमा गया है। योगी की योजनानुसार पूरी अयोध्या नगरी एवं पवित्र सरयू नदी के तट दीपों से जगमगाएंगे। हालांकि सवाल यह भी उठ रहे हैं कि दीपावली के बहाने कहीं यह सियासी दीयों की जगमगाहट तो नहीं है।
योगी आदित्यनाथ ने इस बार प्रदेश का मुखिया बनने के बाद अपनी पहली दीपावली श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या नगरी में मनाने का निर्णय लिया है। उनके साथ उनके मंत्रिमंडल के भी अयोध्या में उपस्थित रहने की पूरी संभावना है। इस मौके पर पूरी अयोध्या नगरी व सरयू घाटों को दीपों से जगमगाने का प्रबंध भी किया गया है। ठीक उसी तरह जिस तरह भागवान श्रीराम लंका विजय के पश्चात अयोध्या पहुंचे थे और अयोध्यावासियों ने पूरी अयोध्या नगरी को दीयों से जगमगाकर दीपावली का पर्व मनाया था।
इस बारे में रामजन्म भूमि के मुख्य पुजारी महंत सतेंद्र दास का कहना है कि भगवान श्रीराम जिनकी लंका विजय के बाद से ही हम सभी दीपावली मानते हैं वो तो टाट में हैं और हम ठाट में हैं। ये बड़े दुःख की बात है, दीपावली तो उस दिन पूरा संसार मनाएगा जब श्रीराम टेंट से निकलकर भव्य मंदिर में विराजमान होंगे।
वहीं दूसरी ओर महंत नित्य गोपाल दास का कहना है कि अयोध्या में दीपावली पर आयोजन तो हर साल होते रहते हैं, लेकिन इस बार विशेष उत्साह से दिवाली होगी यह बड़ी बात है। लेकिन सभी न्यायिक प्रक्रियाओं को पूर्ण कर जल्द ही भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए ताकि रामलला अपने स्थान पर पहुंचें।