उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने 22 मई को रामदेव के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करवा चुकी है। यही नहीं, एसोसिएशन से जुड़े कई डॉक्टरों ने रामदेव के बयानों का विरोध करते हुए काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन भी किया था।
गौरतलब है कि आईएमए के साथ विवाद गहराने के बाद देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक चिट्ठी रामदेव को लिखी थी, जिसके बाद उन्होंने अपने बयानों को वापस लेते हुए खेद जताया था। इसके बाद दोनों ही ओर से आए बयानों से विवाद और बढ़ गया।