ईडी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि 3 मार्च को नागपुर और मुंबई में 15 स्थानों पर तलाशी शुरू की गई थी, जिसके तहत मुख्य लाभार्थियों के अलावा मुख्य आरोपी पंकज नंदलाल मेहदिया, लोकेश संतोष जैन और कार्तिक संतोष जैन के परिसरों पर भी छापे मारे गए।
धनशोधन का यह मामला पंकज नंदलाल मेहदिया, लोकेश संतोष जैन, कार्तिक संतोष जैन, बालमुकुंद लालचंद कील, प्रेमलता और नंदलाल मेहदिया के खिलाफ धोखाधड़ी से निवेशकों को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाने के मामले में नागपुर पुलिस की ओर से दर्ज की गयी प्राथमिकी से संबंधित है।
बयान के अनुसार, पंकज मेहदिया अन्य सहयोगियों के साथ एक चिटफंड योजना चला रहे थे और वर्ष 2004 से 2017 तक किए गए निवेश पर टीडीएस काटने के बाद 12 प्रतिशत सुनिश्चित लाभ देने का वादा करके विभिन्न निवेशकों को लुभाते थे।
बयान में कहा गया है, पैसे को दूसरे काम में लगाने और लेन-देन को वैधता देने के लिए, बैंक खातों में 150 करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन दिखाए गए और यह संदेह है कि इनमें से अधिकांश लेन-देन वास्तविक व्यापारिक सौदों द्वारा समर्थित नहीं हैं।
एजेंसी ने बताया कि तलाशी अभियान में 5.51 करोड़ रुपए के सोने एवं हीरे के आभूषण, लगभग 1.21 करोड़ रुपए नकद, डिजिटल उपकरण और कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं। भाषा Edited By : Sudhir Sharma