भोपाल। पेट्रोल हर नए दिन के साथ नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज पेट्रोल अपने ऑल टाइम रिकॉर्ड ऊंचाई 93.30 रुपया प्रति लीटर पर बिक रहा है। अगर देश के चार बड़े अन्य महानगरों की बात करें तो दिल्ली में आज एक लीटर पेट्रोल 85.45 रुपए, मुंबई में 92.04 रुपए,चेन्नई में एक लीट पेट्रोल 88.07 रुपए और कोलकाता में 86.87 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।
पेट्रोल पर टैक्स का गणित-पेट्रोल के दामों के रिकॉर्ड ऊंचाई पर होने और पंप संचालकों की ओर से सरकार से टैक्स कम करने की मांग करने से पेट्रोल पर सरकार के टैक्स गणित को समझना बेहद जरुरी हो जाता है। वेबदुनिया ने पेट्रोल के दामों के पूरे गणित को समझा तो पाया कि खुदरा बाजार में जिस पेट्रोल की कीमत 30 रुपए है वह सरकार के टैक्स,डीलर्स कमीशन और ट्रांसपोर्टेशन के बाद 93 रुपए के पार पहुंच जाता है।
एक साल में 16 रुपए लीटर महंगा हुआ पेट्रोल- कोरोनाकाल में भले ही आम लोगों की जेब खाली हो गई हो लेकिन सरकार ने अपना खजाना भरने के लिए पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाकर खूब मुनाफा कमाया। जिसके चलते पिछले एक साल में पेट्रोल 16 और डीजल 15 रुपए महंगा हो चुका है। दुनिया में कोरोना संकट के चलते पिछले साल जब अंर्तराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बाद भी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी थी। इस दौरान सरकार ने दो बार पेट्रोल पर 13 रुपए और डीजल पर 16 रुपए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है।
इसी तरह मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोनाकाल में पेट्रोल पर दो बार वैट बढ़ाया। मध्यप्रदेश सरकार पेट्रोल पर 33 फीसदी वैट के साथ 4.50 रुपए प्रति लीटर एडिशनल ड्यूटी,एक फीसदी सेस मिलाकर हर लीटर पर 39 फीसदी टैक्स वसूलती है।
पिछले एक साल में पेट्रोल के दाम जिस तरह हर दिन एक नई ऊंचाई पर पहुंचकर रिकॉर्ड बनाते जा रहे है उससे अब आम लोगों के साथ- साथ पेट्रोल पंप संचालकों ने भी सरकार से पेट्रोल के दाम करने में सीधा दखल देने की मांग की है। मध्यप्रदेश पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने केंद्र और राज्य सरकार से पेट्रोल पर कोरोना काल के समय लगाए गए टैक्स को कम करने की मांग की है।