प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि 8 नंवबर 2016 की आधी रात से 500 और 1000 रुपए के नोट कानूनी रूप से अमान्य कर दिया। नरेन्द्र मोदी सरकार का यह बहुत बड़ा फैसला है। नकली नोटों के बढ़ते चलन के कारण सरकार को यह कदम उठाना पड़ा। कालेधन और भारत में आतंकवाद को नकली नोटों के प्रयोग के कारण सरकार को बड़ा कदम उठाना पड़ा।
आखिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह कदम क्यों उठाना पड़ा। देश में नकली नोटों के बढ़ते कारोबार के कारण सरकार को यह कदम उठाना पड़ा। पाकिस्तानी खूफिया आईएसआई भारत में आतंकवादी मंसूबों को पूरा करने के भारतीय नकली नोटों का प्रयोग कर रही थी। आईएसआई सीमापार से नकली नोटों के जरिए भारत में आतंक का जाल फैला रही थी, इन आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए भी सरकार को यह कदम उठाना पड़ा।
देश में ऐसी कई घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) 30 वर्षीय हुसैन को गिरफ्तार किया था, जिसका संबंध पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई से था। एटीएस के अधिकारियों ने हुसैन के पास 9 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक नकली नोटों पर हुए अध्ययन से पता चला था कि भारतीय बाजार में हर साल 70 करोड़ रुपए के नकली नोटों चलाए जाते है। ये चौंकाने वाला खुलासा 'नकली भारतीय करेंसी नोट के सर्कुलेशन की मात्रा के आकलन' के अध्ययन पर हुआ है, जो भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) कोलकाता ने किया है।
सरकार ने बताया था आर्थिक आतंकवाद : इस खुलासे को भारत सरकार ने भी स्वीकार किया था कि 'आर्थिक आतंकवाद ' का मुकाबला करने के लिए मजबूत उपायों की श्रृंखला के बारे में योजना बनाई गई है। इसमें एनआईए के साथ सीबीआई, आईबी, डीआईआई और रॉ और राज्य पुलिस विभाग भी साथ है।