Kisan Andolan : सर्द रात, बूंदाबांदी भी तोड़ नहीं पाई किसानों का हौसला

Webdunia
गुरुवार, 4 फ़रवरी 2021 (21:40 IST)
गाजीपुर। दिल्ली-उत्तरप्रदेश सीमा पर भारी सुरक्षा वाले प्रदर्शन स्थल गाजीपुर में सैकड़ों किसान सर्द रात और बृहस्पतिवार सुबह बूंदाबांदी के बीच नए कृषि कानूनों को निरस्त करवाने की अपनी मांग को लेकर डटे रहे।
 
कई किसानों ने दिल्ली-मेरठ राजमार्ग के एक हिस्से में अस्थायी तंबू लगा रखे हैं, वहीं कई किसान ट्रैक्टर की ट्रॉलियों में ही आराम करते हैं। सड़क पर बिछाई गई दरियों पर भी कुछ किसान खुले आसमान के नीचे डटे रहते हैं।
 
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी किए जाने के खिलाफ प्रदर्शनकारियों की आलोचना के बाद प्रदर्शन स्थल के आसपास की सड़कों से कीलें हटा दी गई हैं, वहीं दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि कीलों का स्थान बदला गया है। एक प्रदर्शनकारी ने न्यूज चैनल से कहा कि जिस तरह वे कीलें हटा रहे हैं, उसी तरह कानून भी वापस लेंगे।
 
दिल्ली पुलिस के उपायुक्त (पूर्व) दीपक यादव ने कहा कि सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था पहले की तरह कायम रहेगी। उन्होंने कहा कि ऐसी तस्वीरें और वीडियो प्रसारित किए जा रहे हैं, जिसमें दिख रहा है कि गाजीपुर में कीलें निकाली जा रही हैं। लेकिन, इनका स्थान बदला जा रहा है और सीमा पर सुरक्षा इंतजाम यथावत रहेंगे।
 
केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से मुलाकात करने जा रहे 10 विपक्षी दलों के 15 सांसदों को भी पुलिस ने गाजीपुर सीमा पर जाने से रोका दिया। प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने जा रहे 15 सांसदों के समूह में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) , द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य दलों के सांसद शामिल थे।
 
हरिसमरत के अलावा राकांपा सांसद सुप्रिया सुले, द्रमुक से कनिमोई और तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय इस समूह का का हिस्सा थे। नेशनल कॉन्फ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सदस्य भी इसमें शामिल थे।
 
हालांकि, गाजियाबाद पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने गाजीपुर में प्रदर्शन स्थल जाने से प्रतिनिधिमंडल को नहीं रोका। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों के नेता वहां आ रहे हैं और हम किसी को रोक नहीं रहे। उन्हें दूसरी तरफ (दिल्ली) रोका गया होगा।
 
सिसाना से खाद्य सामग्री कुंडली बॉर्डर भेजी : आंदोलनरत किसानों के लिए बृहस्पतिवार को हरियाणा के सोनीपत में सिसाना गांव से खाद्य सामग्री लेकर 100 से अधिक  ट्रैक्टर-ट्रालियों का काफिला कुंडली बॉर्डर पहुंचे। के लिए रवाना हुआ। उन्होंने कहा कि सिसाना गांव से आंदोलन को मजबूत करने के लिए लगातार खाद्य सामग्री धरना स्थल पर भेजी जा रही है। 
 
सिसाना गांव के पूर्व सरपंच कृष्ण दहिया ने कहा कि दहिया खाप ने किसान आंदोलन के लिए समिति का गठन करने का फैसला किया था। इसी समिति की अगुवाई में दाल, चीनी, आटा, दूध, दही, घी सहित विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री एकत्रित करके कुंडली बॉर्डर भेजी गई हैं। 
 
‍तिहाड़ जेल में किसानों से मिले पूनिया : दूसरी ओर, सिंघू बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया ने रिहा होने के बाद कहा है कि उन्होंने तिहाड़ जेल में किसानों से बात कर बातचीत के अंश अपनी टांगों पर लिखे, जिसके बारे में वह अपनी खबर में विस्तार से लिखेंगे। पुनिया को अदालत से जमानत मिलने के बाद बुधवार को जेल से रिहा किया गया था।
 
जेल के बाहर उन्होंने कहा कि यहां (जेल के अंदर) रहना मेरे लिए एक अवसर बनकर आया है। मुझे जेल में बंद किसानों से बात करने का मौका मिला और मैंने उनसे हुई बातचीत के अंश अपनी टांगों पर लिख लिए। मैं अपनी खबर में इस बारे में विस्तार से लिखूंगा। उन्होंने कहा कि मेरा काम ग्राउंड जीरो से खबर देना है। मैंने किसानों से पूछा कि उन्हें क्यों और कैसे गिरफ्तार किया गया।' पुनिया ने कहा कि वह सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन शुरू होने के पहले दिन से ही इसे कवर कर रहे हैं।
 

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