पंजाब में आज किसान आंदोलन, 150 से ज्‍यादा ट्रेनें रद्द, सड़कें-रेलवे ट्रैक होंगे ब्‍लॉक

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

सोमवार, 30 दिसंबर 2024 (09:15 IST)
पंजाब में एक बार फिर से किसान आंदोलन शुरू हो रहा है। किसान अपनी मांगों को लेकर सडकों पर उतर रहे हैं। किसान MSP से लेकर फसल बीमा, कृषि कानूनों का वापस लेने जैसी मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे। बता दें कि किसानों ने आज पंजाब में यातायात समेत रेलवे ट्रैक जाम करने की चेतावनी दी है। सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक सड़क और रेलों का आवागमन ठप रहेगा। इसकी वजह से अंबाला-दिल्ली रेलमार्ग पर चलने वाली करीब 18 एक्सप्रेस ट्रेनों सहित उत्तर प्रदेश के रास्ते पंजाब जाने वाली 150 से ज्‍यादा ट्रेनों को रद्द करने की खबर है।

200 ट्रेनों पर हो सकता है असर : किसानों के बंद के ऐलान की वजह से उत्तर रेलवे की करीब 200 से अधिक ट्रेनों पर असर पड़ेगा। किसान आज रेलवे ट्रैकों पर उतर सकते हैं। इससे पंजाब आने वाली ट्रेनों का गुजरना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में दिल्‍ली, हरियाणा, यूपी और आसपास के राज्‍यों से पंजाब आने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि आज किसानों के पंजाब बंद को देखते हुए रेलवे ने नई दिल्ली-पंजाब रूट की 18 एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया है। ये ट्रेनें नई दिल्ली और पंजाब की ओर से रवाना नहीं होंगी।

कौन सी ट्रेनें रहेंगी रद्द : बठिंडा एक्सप्रेस (14508)आम्रपाली एक्सप्रेस (15707-15708) इंटरसिटी एक्सप्रेस (12460)ऊंचाहार एक्सप्रेस (14217) कालका शताब्दी (12011-12012) पश्चिम एक्सप्रेस (12925) जन शताब्दी एक्सप्रेस (12057-12058) मालवा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12919-12920) दादर एक्सप्रेस (11057-11058) शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस (12497-12498) पठानकोट एक्सप्रेस (22429-22430) सहारनपुर-ऊना हिमाचल एक्सप्रेस (04501) रामनगर चंडीगढ़ एक्सप्रेस (12527-12528) हरिद्वार-जनशताब्दी एक्सप्रेस रद्द (12054) कालका-दिल्ली एक्सप्रेस (14332) ऋषिकेश इंटरसिटी एक्सप्रेस (14815) हरिद्वार-श्री गंगानगर एक्सप्रेस (14525) बीएसबी सीडीजी स्पेशल (04503,वाराणसी जंक्शन से चंडीगढ़) लुधियाना-च्चेहरता मेमू एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन (04591) सिरसा-लुधियाना, भिवानी-धुरी, लुधियाना-चूरू, हिसार-लुधियाना, श्रीगंगानगर-ऋषिकेश, अमृतसर-हिसार, रोहतक-हांसी जानें वाली कई ट्रेनें रद्द की गई हैं।
 
क्‍या है पंजाब के किसानों की मांगें : 

कृषि कानूनों का वापस :
2020 में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों का किसानों ने विरोध किया था। इन कानूनों से किसानों को डर था कि इससे उन्हें मंडियों से बाहर निकाल दिया जाएगा और वे बड़े कॉर्पोरेट घरानों के शोषण का शिकार हो जाएंगे। इसलिए, किसान इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

न्‍यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी: किसानों की सबसे प्रमुख मांगों में से एक है न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी। एमएसपी वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से उनकी फसल खरीदती है। किसानों का मानना है कि एमएसपी की गारंटी होने से उनकी आय सुनिश्चित होगी और उन्हें अपनी फसलों के उचित दाम मिलेंगे।

बाजार में हस्तक्षेप: किसानों का मानना है कि बड़े व्यापारी और बिचौलिए किसानों को उचित दाम नहीं देते हैं। किसानों की मांग है कि सरकार बाजार में हस्तक्षेप करके किसानों को उचित दाम दिलाए।

बिजली दरों में कमी: किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की आवश्यकता होती है। किसानों की मांग है कि बिजली दरों में कमी की जाए ताकि उनकी खेती की लागत कम हो सके।

फसल बीमा: किसानों की फसल प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा आदि से नष्ट हो जाती है। किसानों की मांग है कि सरकार फसल बीमा योजना को मजबूत बनाए ताकि उन्हें प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई मिल सके।

कर्ज माफी: किसानों का एक बड़ा हिस्सा कर्ज में डूबा हुआ है। किसानों की मांग है कि सरकार उनका कर्ज माफ करे।
Edited By : Navin Rangiyal

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