किसानों ने खत्म की नाकेबंदी, निकाला विजय मार्च और यादें लेकर लौट रहे हैं घर

शनिवार, 11 दिसंबर 2021 (10:18 IST)
नई दिल्ली। नवंबर 2020 से ही दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने आंदोलन समाप्ति की घोषणा के बाद अपने-अपने गृह राज्यों की तरफ लौटना शुरू कर दिया। साल भर से ज्यादा वक्त तक अपने घरों से दूर डेरा डाले हुए ये किसान अपने साथ जीत की खुशी और सफल प्रदर्शन की यादें लेकर लौट रहे हैं।
 
किसानों ने सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर राजमार्गों पर नाकेबंदी हटा दी और तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी के लिए एक समिति गठित करने सहित उनकी अन्य मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र के लिखित आश्वासन का जश्न मनाने के लिए एक 'विजय मार्च' निकाला।
 
एक सफल आंदोलन के बाद पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में किसानों के अपने घरों के लिए रवाना होने के साथ ही भावनाएं उत्साह बनकर उमड़ने लगीं। रंग-बिरंगी रोशनी से सजे ट्रैक्टर जीत के गीत गाते हुए विरोध स्थलों से निकलने लगे और रंगीन पगड़ियां बांधे बुजुर्ग युवाओं के साथ नृत्य करते नजर आए।
 

#WATCH | Farmers leave their site of protest, Ghazipur border (Delhi-UP border), after suspending their year-long protest against the 3 farm laws & other related issues pic.twitter.com/42CCOr9VHY

— ANI UP (@ANINewsUP) December 11, 2021
किसान 11 दिसंबर को ‘विजय दिवस’ के रूप में मना रहे हैं। तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर हजारों किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि बड़ी संख्‍या में किसान प्रदर्शन स्थल खाली कर कल घर लौट जाएंगे। आज हम उन लोगों से मिलेंगे जिन्होंने आंदोलन के दौरान हमारी मदद की। लोगों ने घर लौटना शुरू कर दिया और इसमें 4 से 5 दिन लगेंगे। मैं 15 दिसंबर जाऊंगा।
 
इन कानूनों को निरस्त करने के लिए 29 नवंबर को संसद में एक विधेयक पारित किया गया था। हालांकि, किसानों ने अपना विरोध समाप्त करने से इनकार कर दिया और कहा कि सरकार उनकी अन्य मांगों को पूरा करे जिसमें एमएसपी पर कानूनी गारंटी और उनके खिलाफ पुलिस में दर्ज मामले वापस लेना शामिल है।
 
जैसे ही केंद्र ने लंबित मांगों को स्वीकार किया, आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार को किसान आंदोलन को स्थगित करने का फैसला किया और घोषणा की कि किसान 11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध स्थलों से घर वापस जाएंगे।
 

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