उन्होंने कहा, एफडीआई के ये रुझान सकारात्मक हैं और भारत अभी भी विदेशी कंपनियों के लिए पसंदीदा स्थान बना हुआ है। सिंह ने कहा कि औषधि, खाद्य प्रसंस्करण और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं ने नतीजे देने शुरू कर दिए हैं और इनमें से कई क्षेत्रों में एफडीआई बढ़ा है।