भाजपा के प्रवक्ता और केन्द्रीय विधिमंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फ्रांस से रक्षा सौदे को लेकर गांधी गैर जिम्मेदाराना हरकत कर रहे हैं और उन्हें देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राफेल विमान सौदे को लेकर संसद को गुमराह किया है।
उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के दौरान वर्ष 2007 में वायुसेना को मजबूत करने के लिए फ्रांस से 126 राफेल विमान खरीद का सौदा किया गया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार एक से अधिक बार संसद में राफेल विमान की बेसिक कीमत 670.32 करोड रुपए बता चुकी है, लेकिन हथियारों और अन्य प्रणालियों के साथ इसकी कीमत का खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे सुरक्षा एवं गोपनीयता करार का उल्लंघन होगा और यह राष्ट्रहित में भी नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस विमान का सौदा किया और एक विमान की कीमत पिछली सरकार की तुलना में नौ प्रतिशत कम है। उन्होंने कहा कि इसी विमान को मिश्र और कतर को कम कीमत में बेचने का मुद्दा उठाया जा रहा है, लेकिन इसकी जानकारी नहीं है कि उसमें किस प्रकार की हथियार प्रणाली लगी है। हथियार प्रणाली के आधार पर विमानों की कीमतें बढ़ती है।
प्रसाद ने कहा कि गांधी ने इस सौदे को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति को भी घसीटा है, जिसका फ्रांस सरकार ने खंडन किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सिर्फ 36 राफेल विमान खरीद का सौदा किया है। कांग्रेस अध्यक्ष अब इस सौदे का मामला आठ वर्ष तक रक्षामंत्री रहे एके एंटनी के माध्यम से उठवा रहे हैं जिन्होंने संप्रग शासन के दौरान अनेक अवसरों पर रक्षा मामलों से जुड़े सवालों का संसद में राष्ट्रहित से जुड़े मामले बताकर जवाब नहीं दिया था।