ओम स्वामी ने न्यायमूर्ति मिश्रा को देश का अगला मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने को चुनौती दी थी। उन्होंने हालांकि अपनी याचिका में ऐसा कोई उपयुक्त कारण नहीं गिनाया था, जिससे न्यायमूर्ति मिश्रा की नियुक्ति पर सवाल खड़ा किया जा सके। न्यायमूर्ति केहर ने कहा कि याचिकाकर्ताओं पर आर्थिक जुर्माना लगाए जाने से बेवजह मुकदमा दायर करने वाले अन्य लोगों को सीख मिलेगी।
शीर्ष अदालत ने इस मामले की सुनवाई के दौरान वकीलों से तो अंग्रेजी में बात की, लेकिन उन्होंने अदालत कक्ष में मौजूद ओम स्वामी से हिन्दी में सवाल दागे, जिसका उन्होंने करीब एक घंटे तक हिन्दी में जवाब दिया। याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि सेवानिवृत्त हो रहे किसी मुख्य न्यायाधीश द्वारा नए न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करना संविधान की भावनाओं के विपरीत है। (वार्ता)