महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2021 के अंत में सरकार का राजकोषीय घाटा जनवरी 2021 की समाप्ति पर 12,34,004 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष के दौरान 31 मार्च तक सरकार का राजकोषीय घाटा 18.48 लाख करोड़ रुपए यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
सीजीए के मुताबिक आलोच्य अवधि में कुल खर्च 25.17 प्रतिशत रहा, जो कि संशोधित अनुमान का 73 प्रतिशत है वहीं एक साल पहले इस दौरान कुल व्यय संशोधित अनुमान का 84.1 प्रतिशत था। फरवरी 2020 के बजट में राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपए यानी जीडीपी का 3.5 प्रतिशत अनुमानित था, लेकिन संशोधित अनुमान में इसे 9.5 प्रतिशत (18,48,655 करोड़ रुपए) कर दिया गया है।
कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां तो बंद रहीं, लेकिन महामारी पर काबू पाने के लिए चिकित्सा सुविधाओं और बीमारों के इलाज पर खर्च तेजी से बढ़ा है। 2019-20 में राजकोषीय घाटा 4.6 प्रतिशत तक पहुंच गया था, जो कि पिछले सात साल का उच्चतम घाटा रहा।(भाषा)