Safety of women: पुणे बस दुष्कर्म मामले (Pune bus rape case) पर हंगामे के बीच भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ (D.Y. Chandrachud) ने गुरुवार को मुंबई में 2012 के निर्भया कांड (Nirbhaya case) को याद किया और कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को केवल कानून बनाने से नहीं बल्कि उनके उचित कार्यान्वयन से रोका जा सकता है।
केवल कानून बनाकर ऐसी घटनाओं को नहीं रोक सकते : चंद्रचूड़ ने कहा कि हम केवल कानून बनाकर ऐसी घटनाओं को नहीं रोक सकते। कानून के अलावा, समाज के कंधों पर भी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और महिलाओं के लिए बने कानूनों का उचित क्रियान्वयन भी जरूरी है। बड़ी संख्या में महिलाएं काम आदि के लिए जाती हैं। इसलिए उनके लिए बनाए गए कानूनों का उचित क्रियान्वयन किया जाना चाहिए, ताकि वे सुरक्षित महसूस करें।(भाषा)