मलिक ने कहा, जब हमारी बेटियां पदक जीतती हैं और तिरंगा लहराती हैं तो उस समय हम बेशर्मों की तरह उन्हें चाय पर बुलाते हैं और उनके साथ तस्वीरें खींचते हैं लेकिन आज वे सड़कों पर हैं। हमें शर्म से डूब मरना चाहिए।उन्होंने कहा, मैं आप सभी से उनका साथ देने की अपील करता हूं। यहां अधिक से अधिक लोगों को जुटना चाहिए।
व्हीलचेयर का सहारा लेने वाले मलिक ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिला पहलवानों को यौन उत्पीड़न के सबूत देने के लिए कहा जा रहा है। उन्होंने कहा, यह अकेले तुम्हारी लड़ाई नहीं है। यह हमारी बेटियों के सम्मान की लड़ाई है।चौधरी चरण सिंह कहते थे कि अगर कोई महिला यौन उत्पीड़न की शिकायत करती है तो उससे सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए, सबूत नहीं मांगे जाने चाहिए। हमें उस पर विश्वास करना चाहिए।
विभिन्न किसान संगठन, खाप नेता, राजनेता और महिला संगठन भी पिछले तीन दिन में पहलवानों के समर्थन में धरना स्थल पर पहुंचे हैं। इस बीच पहलवानों ने कोच सुजीत मान के मार्गदर्शन में धरना स्थल पर ही अभ्यास शुरू कर दिया। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट, साक्षी मलिक और सत्यव्रत काडियान ने सुबह 7.30 से 8.45 तक अभ्यास किया।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)